जानिए फाल्गुन माह में होने वाले धार्मिक आध्यात्मिक कार्यों के बारे में
ऋतुओं में जितना महत्व वसंत ऋतु का है उतना ही महत्व प्रेम के मौसम का भी है जिसे फाल्गुन कहते हैं। फाल्गुन माह हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है। इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महिने को फाल्गुन कहा जाता है। यह महीना आनंद और उल्लास का महीना भी होता है। इस माह में प्रेम और रिश्तों में मिठास आ जाती है।
फाल्गुन मास में सर्दी कम होने लगती है और गर्मी की शुरुआत हो जाति है। फाल्गुन मास में शिवरात्रि व्रत, होली आदि त्योहार पड़ते है। यह मास धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
इस माह में विष्णु पूजन, शिव पूजनऔर चंद्र पूजन किया जाता है। आप भी यदि कोई पूजा करवाना चाहते है या यह महीना आपके लिए कैसा होगा जानना चाहते है तो आप डिवाइन टॉक के एस्ट्रोलॉजर से संपर्क कर सकते हैं।
फाल्गुन मास में धार्मिक अनुष्ठान करने से लाभ मिलता है।
- फाल्गुन मास को शुभ माना जाता है। इस माह में शिवरात्रि व्रत, होली जैसे पर्व पड़ते है। इस माह में यदि कोई भी व्यक्ति धार्मिक अनुष्ठान करते हैं तो उन्हे फल जरूर मिलता है। इस माह में भगवान विष्णु, महादेव और चंद्रदेव की पूजा करने से लाभ मिलता है।
- इस माह में भगवान शिव की पूजा करने से लाभ मिलता है और मंचाहा फल मिलता है।
- यदि संतान प्राप्ति की इच्छा है तो भगवान विष्णु की पूजा करे।
- सुख और धन प्राप्ति के लिए इस माह में श्री कृष्ण की पूजा करे।
- कहा जाता है कि इस माह में चंद्र देव का भी जन्म हुआ था तथा इस माह में चंद्र देव की भी अराधना करने से लाभ होगा और यदि आपकी कुंडली में चंद्र दोष है तो वह भी दूर हो जाता है।
- फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को मां लक्ष्मी और मां सीता की पूजा करनी चाहिए।
- फाल्गुन मास में होली भी मनाई जाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q. फाल्गुन क्यों मनाया जाता है?
A. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह साल का अंतिम महीना होता है। यह माह महादेव, श्री कृष्ण और चंद्र देव को समर्पित है, क्योंकि इस माह में शिवरात्रि, होली जेसे पर्व मनाए जाते हैं।
Q. क्या फाल्गुन मास में शादी करना शुभ है?
A. इस माह को धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इस माह में शादी, बच्चे का मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्य करना शुभ माना जाता है।
Q. फाल्गुन मास में क्या नही खाना चाहिए?
A. फाल्गुन मास में मास–मदिरा और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
Q. फाल्गुन मास में कौन सी ऋतु होती है?
A. फाल्गुन मास में ग्रीष्म ऋतु का आगमन होने लगता है और शर्दियां कम होने लगती है।