ज्योतिष में ग्रहों की ये स्थितियाँ भी हो सकती हैं तलाक के कारण।

May 14, 2024

हमारे जीवन में और संबंधों में ग्रह नक्षत्रों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है और ग्रहों के प्रभाव के कारण ही कुछ लोगों को सफ़लता मिलती है तथा कुछ लोग कभी असफल भी हो जाते हैं। ग्रहों के शुभ होने पर आपके अधिकतर काम या निर्णय सही हो सकते हैं लेकिन जब ग्रह कुंडली में कमजोर होते हैं तो व्यक्ति का सही निर्णय भी गलत होता हैं। कुछ ग्रह दोषों के कारण व्यक्ति को अपने प्रेम जीवन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, या फिर दोनो पार्टनर्स को अलग होना भी पड़ जाता है। आइए जानते हैं की किन ग्रहों की स्थिति के कारण ब्रेकअप, वैवाहिक जीवन में मनमुटाव या तलाक की स्थिति उत्पन्न होती है। आप भी यदि ऐसी ही कोई स्थिति में है या अपनी राशि में ग्रह नक्षत्रों के बारे में जानकारी चाहते हैं तो आप डिवाइन टॉक से जुड़ सकते हैं।

चलिए जानते हैं कौन से ग्रहों की स्थिति उत्पन्न करती है वैवाहिक जीवन में मुसीबतें।

जन्म कुंडली में ग्रहों की निम्न स्थितियों के कारण पति पत्नी के बीच मनमुटाव या फिर तलाक होने की नोबत आ सकती है।

 

  • सप्तमेश में छठे या आठवें भाव में होने पर पति पत्नी का तलाक हो सकता है। छठे या आठवें भाव के स्वामी ग्रह का सातवे भाव से सप्तमेश के साथ होना वैवाहिक जीवन में प्रभाव डालता है। यदि इस पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टी पड़ रही है तो तलाक भी हो सकता है।

 

  • मंगल का पहले, चौथे, सातवे, आठवें या बारहवें भाव के साथ किसी अन्य अशुभ ग्रह की स्थिति हो तो भी दंपती के तलाक की सम्भावना हो सकती है।

 

  • सप्तमेश के छठे भाव में होने पर यदि इस पर मंगल ग्रह की दृष्टी पड़ती हैं तो पति पत्नी में दूरियां आ सकती है।

 

  • यदि लड़की की कुंडली में पहले और सातवे भाव में शनि और मंगल की एक दुसरे पर दृष्टि होने और लड़कियों की कुंडली में पांचवे और 11 वे भाव में दोनो ग्रहों की एक दुसरे पर दृष्टि होने पर शादी शुदा जिंदगी में परेशानियां आने लगती है।

 

  • शनि और मंगल ग्रहों की सातवे या आठवें भाव पर दृष्टि पड़ रही हो तो वैवाहिक जीवन में मुश्किलें बढ़ती है।

 

  • शुक्र दोष के कारण इनका तलाक भी हो सकता है। शुक्र ग्रह को प्रेम का कारक माना जाता है और यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र कमज़ोर हो, तो उस व्यक्ति को प्रेम जीवन में अच्छे परिणाम नही मिलते हैं।शुक्र दोष के कारण विवाह में रूकावटे आती है और व्यक्ति को बार बार प्रेम संबंधों में असफलता मिलती है।

 

  • ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया ग्रह भी कहा गया है। राहु व्यक्ति के जीवन में प्रेम को रुकने नही देता। माना जाता है कि राहु व्यक्ति की बुद्धि को नष्ट कर देता है और व्यक्ति गलत निर्णय लेने लगता हैं, जिस कारण व्यक्ति अपने दाम्पत्य जीवन में खुश नही रहता और पति पत्नी में दूरियां बन जाती है।

 

  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष है, तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन अच्छा नही रहता। व्यक्ति की शादी देरी से होती है। शनि के प्रभाव के कारण व्यक्ति अपनी शादी में खुश नही रहता है।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q. कौन सी ग्रह स्थिति तलाक का संकेत देती है?

A. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कुंडली में मंगल प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में हो और किसी अशुभ ग्रह से युक्त होने पर वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती है। ऐसे में तलाक की संभावना रहती है। अगर कुंडली के पांचवें और सातवें घर में राहु का नकारात्मक प्रभाव हो तो यह तलाक का कारण बनता है।

Q. कौन सा ग्रह सुखी वैवाहिक जीवन देता है?

A. शुक्र और गुरु ग्रह सुखी और वैवाहिक जीवन के लिए दोनों की उपस्थिति आवश्यक होती है। अगर दोनों पति-पत्नी एक-दूसरे को इंद्रिय सुख का आनंद देते हुए धर्म में लिप्त रहे तो ऐसे पति-पत्नी आदर्श पति-पत्नी कहे जा सकते हैं।

Q. प्रेम और सौंदर्य का ग्रह कौन सा है?

A. प्रेम और सौंदर्य का ग्रह वृषभ राशि और तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य, कला, और सुख के प्रतीक है। इस ग्रह की शुभ स्थिति व्यक्ति को सुंदरता, सुख, और प्रेम की अनुभूति करवा सकती है। शुक्र ग्रह के उपाय के रूप में, लोग उसकी उपासना, मंत्र जाप, या उसके धारण की प्रथा करते हैं। 

Q. क्या शनि तलाक का कारण बन सकता है?

A. ज्योतिष शास्त्र में तलाक के लिए कुछ ग्रह जिम्मेदार होते हैं। कुंडली में तलाक के संकट की वैवाहिक जटिलताओं का कारण बनने वाले प्रमुख घर मंगल, राहु, शनि और सूर्य हैं। इसके अलावा, शुक्र और बृहस्पति जैसे ग्रहों की स्थिति भी विवाह और तलाक की संभावना पर प्रभाव डालती है।

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