नाग पंचमी 2024: करें कालसर्प दोष का निवारण, जानें उपाय।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 प्रकार के काल सर्प दोष विशेष रूप से माने जाते हैं। जातक के जीवन में बुरे समय और अनिष्टकारी घटनाओं को जन्म देने वाला कालसर्प योग माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से यह जातक के जीवन में कठिन परेशानियां, संकट, व्यापार में वृद्धि, विवाह एवं संतान से सम्बन्धित बाधाएं उत्पन्न करने वाला माना जाता है। जातक को मानसिक रूप से काफी परेशान करता है। क्योंकि कालसर्प दोष का संबध पूर्व में किए गए कर्मों से प्राप्त होता है।
कालसर्प दोष के लक्षण।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता हैं तो उस व्यक्ति को अक्सर सपने में मृत लोग दिखाई देते हैं।
- जिस व्यक्ति के जीवन में काल सर्प दोष हो तो उसे जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है।
- कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति के कारोबार पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है। इसे व्यापार में बार बार हानी का सामना करना पड़ता है।
- बात-बात पर जीवनसाथी से वाद विवाद होना। यदि रात में बार बार आपकी नींद खुलती है तो यह भी काल सर्प दोष का ही लक्षण है।
- इसके अलावा काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सपने में बार-बार लड़ाई झगड़ा दिखाई देता है।
- काल सर्प दोष के कारण व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होता है। साथ ही सिर दर्द, त्वचारोग आदि भी कालसर्प दोष के लक्षण है।
कुंडली में कब बनता है काल सर्प दोष।
कालसर्प दोष की विद्यमानता का निर्धारण कुंडली में ग्रहों के स्थितियों और योगों के आधार पर किया जाता है। इस दोष की विद्यमानता का निर्धारण करने के लिए ज्योतिषी कुंडली की नकली बनाता है और उसमें विभिन्न पहलुओं की जांच करता है, जैसे कि राहु और केतु की स्थिति, उनकी दशाओं और अन्तर्दशाओं का विश्लेषण करता है। जब इन ग्रहों की स्थिति कुंडली में खास योगों के साथ अत्यधिक या अत्यंत कम होती है, तो कालसर्प दोष की संभावना होती है।
काल सर्प दोष के उपाय।
- काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।
- प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है।
- इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की आराधना करनी चाहिए।
- प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
- इसके अलावा हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए।
- कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में मोरपंख रखने चाहिए।
- राहु और केतु के मंत्र जैसे “ऊँ राहवे नमः” और “ऊँ केतवे नमः” का नियमित जप करना फायदेमंद हो सकता है।
- कालसर्प शांति पूजा करना भी दोष के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इस पूजा में गोदान, नाग नवनीत दान, और राहु-केतु के मंत्रों का जप किया जाता है।
- राहु और केतु के देवताओं की नियमित पूजा और स्नान करना भी दोष को शांत करने में मदद कर सकता है।
कालसर्प दोष शान्ति पूजा विधी।
- पूजा के लिए पहले दिन से ही संयमित व्रत रखें। व्रत में शाकाहारी खाने का पालन करें और शुभ मुहूर्त में उपवास रखें।
- पूजा के लिए एक साफ़ और शुद्ध स्थान चुनें। यदि आप गृह में कर रहे हैं, तो एक विशेष पूजा स्थान तैयार करें।
- एक सिक्के की रुप में जल के एक कलश को पूजा स्थल पर स्थापित करें। इस कलश में गंगाजल और तुलसी का पत्ता रखें।
- राहु और केतु के विशेष मंत्रों का जप करें, जैसे “ऊँ राहवे नमः” और “ऊँ केतवे नमः”। इसके अलावा, राहु और केतु के अन्य मंत्र भी जप किये जा सकते हैं।
- विशेष रूप से राहु-केतु के लिए हवन करें। इसमें गोबर और द्रव्यों का उपयोग करके हवन कीजिए।
- अंत में राहु और केतु की आरती करें और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रार्थना करें।
- पूजा के बाद गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें। इसके अलावा, राहु और केतु के लिए शांति के लिए विशेष रूप से ब्राह्मणों को भी भोजन और दान दें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न। (FAQs)
Q. कालसर्प दोष क्या होता है?
कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय ग्रह योग है जिसमें राहु और केतु के अशुभ प्रभावों का योग होता है। इसे कुंडली में राहु और केतु के अवश्यक भावों में स्थिति के आधार पर जांचा जाता है।
Q. कालसर्प दोष के क्या प्रकार होते हैं?
कालसर्प दोष के प्रमुख प्रकार हैं: अनंत कालसर्प दोष (राहु 1वां भाव से 7वां भाव तक) और कुलिक कालसर्प दोष (केतु 1वां भाव से 7वां भाव तक)।
Q. कालसर्प दोष के लक्षण क्या होते हैं?
कालसर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति को धन संबंधी समस्याएँ, स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयाँ, परिवार में विवाद और संबंधों में कठिनाई, और कार्य में बाधाएँ हो सकती हैं।
Q. कालसर्प दोष के कारण क्या होते हैं?
कालसर्प दोष के प्रमुख कारण ग्रहों के अनुकूल योगों के आधार पर होते हैं, जिससे राहु और केतु के दोषपूर्ण प्रभाव बढ़ते हैं।
Q. कालसर्प दोष का प्रभाव कैसे कम किया जा सकता है?
कालसर्प दोष के उपाय में मंत्र जप, व्रत और उपवास, पूजा और हवन, दान और पुण्य कर्म, और शांति पूजा शामिल हो सकते हैं।
Q. कालसर्प दोष की पूजा कैसे की जाती है?
कालसर्प दोष की शांति के लिए विशेष पूजा में राहु और केतु की मूर्ति या अभिमंत्रित चांदी के प्रतिमा को स्थापित करके मंत्र जप, हवन, और आरती की जाती है।
Q. कालसर्प दोष के उपाय से कितने समय तक लाभ मिलता है?
कालसर्प दोष के उपाय का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली की स्थिति और शांति पूजा के उपायों पर निर्भर करता है। यह अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है।
Q. क्या हर किसी को कालसर्प दोष होता है?
नहीं, सभी की कुंडली में कालसर्प दोष नहीं होता है। यह व्यक्ति की जन्म कुंडली की विशेष स्थितियों पर निर्भर करता है।