पौधों की जड़ें: धन की समस्या का समाधान।
धन की समस्या का समाधान पेड़-पौधों में छिपा हो सकता है। यह एक प्राचीन विचार है, जिसे आधुनिकता के जमाने में अनदेखा किया गया है। पूरे विश्व में, लोग धन की समस्या से जूझ रहे हैं, जिसमें अधिकतर लोगों की आर्थिक स्थिति तनावपूर्ण है। इस समस्या का समाधान ढूँढने के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन एक अद्वितीय और प्राकृतिक उपाय के रूप में पेड़-पौधों की जड़ों का उपयोग किया जा सकता है। पेड़-पौधों की जड़ें भूमि में सजीवता और ऊर्जा का संचार करती हैं। इनमें शक्ति और ऊर्जा का एक स्रोत होता है जो हमें आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से स्थिरता प्रदान करता है। इसके अलावा, पेड़-पौधों की जड़ें पोषक तत्वों का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत होती हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। ये प्राकृतिक उपाय न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, बल्कि आर्थिक स्थिति में भी सुधार कर सकते हैं।
वैदिक ज्योतिष में, विभिन्न पौधों की जड़ों का महत्व है जो धन की समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है। इसका अध्ययन करने से पता चलता है कि कुछ पौधों की जड़ें धन की वृद्धि में मदद कर सकती हैं, जबकि कुछ पौधों की जड़ें धन की संरक्षा में सहायक हो सकती हैं। आप भी यदि धन की समस्या से परेसान है तो आप ये हमारे डिवाइन टॉक के एस्ट्रोलॉजर से सलाह लें सकते हैं और इन उपायों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
पैसों से संबंधी समस्या से परेशान लोगों को वनस्पति ज्योतिष के अनुसार कुछ खास पेड़-पौधों की जड़ लेकर घर में रखनी चाहिए जिससे धन संबंधी समस्या खत्म हो जाती है।
आइए जानते हैं किन पौधों की जड़ें को धारण करना चाहिए।
मदार की जड़।
रविपुष्प में लाई गई मदार की जड़ को दाहिने हाथ में धारण करने से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
शंखपुष्पी की जड़।
शंखपुष्पी की जड़ को शुभ मुहूर्त में लाकर चांदी के डिब्बी में घर की तिजीरो में रखने से धन-संपत्ति में कोई कमी नहीं आती। इसे धन और समृद्धि दायक माना जाता है।
बेहड़ा की जड़।
बेहड़ा की जड़ या केवल इसके एक पत्ते को धन रखने वाली जगह पर रखने से घर में किसी प्रकार की द्ररिद्रता नही रहती।
अशोक के पौधे की जड़।
अशोक के पेड़ की जड़ लेकर उसे पवित्र नदी में शुद्ध करें। अब जड़ को अपने पूजा स्थल में लक्ष्मी माता के आगे रख दें और 108 बार गायत्री मंत्र का जप करें। जप पूरा हो जाने के पश्चात जड़ को एक साफ लाल रंग के कपडे में बांध लें और उसे अपने सीधे हाथ या गले में पहनें। ऐसा करने के बाद आपके कार्यक्षेत्र में सफलता आएगी और आपको धन प्राप्ति होगी।
केले के पौधे की जड़।
केले के पेड़ की जड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी गुरु बृहस्पति का वास माना जाता है। गुरुवार के दिन सुबह नहा धो कर एक केले के पेड़ की जड़ के छोटे से हिस्से को लेकर अच्छी तरह से गंगा जल में पवित्र करें इसके बाद माता लक्ष्मी के मन्त्र से 108 बार जप करें। जप पूरा होने के पश्चात केले के पेड़ की जड़ को एक पीले रंग के कपडे में लपेटकर उसे अपने गले या सीधे हाथ में बांध ले। आप चाहें तो इसे अपने पर्स की जेब में भी रख सकते हैं। ऐसा करने से आपकी सभी धन सम्बन्धी समस्याएं खत्म होती हैं।
बेलपत्र के पौधे की जड़।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बेलपत्र की जड़ में माता लक्ष्मी का वास रहता है। बेलपत्र की जड़ को पहनने से आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह मज़बूत होता है और धन कमाने के अवसर आपको प्राप्त होते हैं। बेलपत्र की जड़ को गंगा जल और गाय के कच्चे दूध में मिलाकर उससे पवित्र करें। अब 108 बार सूर्य मंत्र ॐ सूर्यदेवः नमः का जप करें। जप पूरा होने के पश्चात जड़ को एक साफ लाल कपडे में बांध लें और उसको अपने दाहिने हाथ की भुजा में बांध लें। ऐसा करने से आपके घर में लक्ष्मी का वास होगा और आपको अधिक धन लाभ होगा।
गूलर के पौधे की जड़।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार गूलर के पौधे की जड़ पहनने से धन लाभ होता है और इसे पहनने से कुंडली में बैठा शुक्र ग्रह भी मज़बूत होता है और घर में धन की कमी नहीं होने देता है। शुक्रवार के दिन गूलर के पेड़ की जड़ को पहनना चाहिए। गूलर की जड़ का एक छोटा सा हिस्सा लेकर उसे गंगा जल से पवित्र करें अब शुक्र देव का बीज मंत्र ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का 108 बार जप करें। इसके पश्चात एक सफ़ेद रंग का साफ कपड़ा लेकर उसमें गूलर के पेड़ की जड़ को बांध लें और अपने सीधे हाथ की भुजा या गले में इसे पहने। इसको पहनने से आपके घर में धन की कमी नहीं होगी।
अश्वगंधा के पौधे की जड़।
यदि आपकी कुंडली में केतु ग्रह का दोष है और इस वजह से धन की तंगी चल रही है तो अश्वगंधा के पौधे की जड़ से आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है। आपको अश्वगंधा के पौधे की जड़ का एक छोटा सा हिस्सा लाना है और उसके बाद इसे गंगा जल से पवित्र करना हैं और अब केतु ग्रह के बीज मंत्र का 108 बार जप करना हैं। ‘ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः॥’ इसके पश्चात जड़ को एक नीले कपडे में बांध कर अपने दाहिने हाथ की कलाई या भुजा में पहने। इससे आपके घर में धन लाभ होगा और सुख समृद्धि आएगी साथ ही केतु ग्रह के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलेगी।
शमी के पेड़ की जड़।
शमी के पेड़ की जड़ से भी आप धनवान बन सकते हैं और शनि दोष से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। शमी के पेड़ की जड़ को गंगाजल में पवित्र करें और अब शनि मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का 108 बार उच्चारण करें। उच्चारण के पश्चात शमी के पेड़ की जड़ को नीले कपडे में बांध ले और अपने सीधे हाथ कि कलाई में बांधें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होंगे और घर में हो रही धन की कमी से आपको मुक्ति मिलेगी।
तुलसी की जड़।
तुलसी की जड़ को धन की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रचलित माना जाता है। इसे घर के पूर्व दिशा में लगाने से धन की समस्या में सुधार हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q. पौधों की जड़ पहनने के क्या लाभ हो सकते हैं?
A. पौधों की जड़ पहनने से ताकत और ऊर्जा मिल सकती है। इससे धन के स्रोत बढ़ सकते हैं और आर्थिक समस्याओं का समाधान हो सकता है।
Q. धन के स्रोतों में इसका क्या योगदान हो सकता है?
A. पौधों की जड़ पहनने से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि लकड़ी और औषधीय पौधे, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
Q. क्या यह परंपरागत धन प्रणाली में बदलाव ला सकता है?
A. हां, इस प्रकार की प्रयासरत तकनीक से, लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और उनकी जीवनशैली में परिवर्तन आ सकता है।
Q. क्या यह किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है?
A. हां, किसानों को भी इस तकनीक का लाभ उठाने का अवसर मिल सकता है। उन्हें अधिक उत्पादक और अधिक आय प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
Q. क्या प्राकृतिक वातावरण के लिए यह सुरक्षित है?
A. हां, पौधों की जड़ें पहनने के तकनीकी उत्पादन में पर्यावरण को किसी भी हानि का सामना नहीं करना पड़ता है। यह साथ ही प्राकृतिक वातावरण को भी बचाने में मदद कर सकता है।
Q. क्या इसका कोई असर होगा खाद्य संसाधनों पर?
A. हां, इस प्रकार की प्रयासरत तकनीक से खाद्य संसाधनों को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
Q. क्या यह समाज में सामाजिक असमानता को कम कर सकता है?
A. हां, इस प्रकार की प्रयासरत तकनीक से, समाज में सामाजिक असमानता को कम किया जा सकता है, क्योंकि लोगों को अधिक समर्पित और सक्रिय भूमिका मिल सकती है।
Q. क्या इससे आर्थिक संस्थागति में सुधार होगा?
A. हां, इस प्रकार की प्रयासरत तकनीक से, आर्थिक संस्थागति में सुधार हो सकता है, क्योंकि इससे समाज में अधिक संतुलन और विकास हो सकता है।