मंगल दोष होने के कारण: निवारण और समाधान।

June 11, 2024

मंगल दोष कुंडली में एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय गणितीय योग है जो व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालता है। यह दोष मंगल ग्रह के स्थान और संयोग पर आधारित होता है। मंगल ग्रह को वीरता, साहस, आग्रह, क्रोध और उत्तेजना का प्रतीक माना जाता है। मंगल दोष के विभिन्न प्रकार होते हैं। प्रथम प्रकार है मंगलीक दोष, जो जातक के विवाह जीवन में असुख और संघर्ष का कारण बनता है। दूसरा प्रकार है अंत्येष्टि दोष, जो विवाहित जीवन में अस्थिरता और विवाहितों के बीच विवाद का कारण बनता है। तीसरा प्रकार है अंक दोष, जो जन्म कुंडली में मंगल के संयोग से होता है।

ज्योतिष शास्त्र में मांगलिक दोष को एक महत्वपूर्ण भूमिका दी जाती है। मांगलिक दोष का अर्थ है कि कुंडली में मंगल ग्रह की दशा में व्यक्ति को कुछ समस्याएं या विपरीतताएं आ सकती हैं। इस लेख में, हम मांगलिक दोष के विचार और परिहार पर चर्चा करेंगे। मंगल दोष एक ज्योतिष शास्त्रीय धारणा है जो कुंडली में मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति को संदर्भित करता है। यह धारणा विशेष रूप से विवाह ज्योतिष में महत्वपूर्ण है, जहां इसे विवाहित जोड़ी के कुंडली में मंगल की स्थिति देखकर विवाहीत जोड़ी के भविष्य का अनुमान लगाया जाता है।

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मांगलिक दोष का मुख्य कारण ग्रहों की स्थिति और उनके अशुभ प्रभावों का होता है। यह दोष विवाहित जीवन में संबंधों में समस्याओं का कारण बन सकता है। व्यक्ति को धन, स्वास्थ्य, और सामाजिक संबंधों में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मांगलिक दोष को दूर करने के कई उपाय होते हैं। 

मंगल दोष होने के कारण। 

मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति: कुंडली में मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति, जैसे कि लग्न कुंडली में अशुभ या दुश्मन भावों में स्थिति, मंगल दोष का कारण बन सकती है।

 

मंगल ग्रह की दृष्टि: मंगल ग्रह की दृष्टि अन्य उच्च ग्रहों पर, जैसे कि शनि, राहु, या केतु, भी मंगल दोष के कारण बन सकती है।

 

राहु या केतु के संयोग: मंगल के साथ राहु या केतु की संयोगबद्ध स्थिति भी मंगल दोष का कारण बन सकती है।

 

मंगल के ग्रहण: मंगल के ग्रहण के समय कुंडली में मंगल की स्थिति के अशुभ होने के कारण भी मंगल दोष बन सकता है।

 

मंगल के विशेष योग: कुंडली में मंगल के विशेष योग जैसे कि कुज दोष या अंगारक योग भी मंगल दोष के कारण बन सकते हैं।

 

मंगल के नीच स्थिति: मंगल की कुंडली में नीच स्थिति, जैसे कि मिथुन राशि या कन्या राशि में, भी मंगल दोष का कारण बन सकती है।

 

मंगल के दशा या अंतरदशा: कुंडली में मंगल के दशा या अंतरदशा में अशुभ प्रभाव भी मंगल दोष को बढ़ा सकता है।

मंगल दोष परिहार।

 

  • मंगल को शांत करने के लिए माणिक्य, मूंगा, और केसरिया पुष्प धारण किए जाते हैं। ये रत्न मंगल के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। विशेष मंत्रों का जाप करके भी मंगल की शांति की यात्रा में सहायता मिलती है।
  • जिस भाव मे मंगल स्थित है यदि जीवन साथी की कुंडली में उस भाव से सप्तम में शुभ ग्रह हो तो मंगल दोष क्षीण हो जाता है। यदि कूट मिलान का स्कोर अच्छा है व दोनों कुंडलियों में अन्य ग्रहों की स्थिति अनुकूल है व अच्छी दशा चल रही है तो भी मंगल का दुष्प्रभाव नहीं होगा।
  • जन्म कुन्डली के प्रथम द्वितीय चतुर्थ सप्तम अष्टम एकादस और द्वादस भावों में किसी में भी मंगल विराजमान हो तो वह विवाह को विघटन में बदल देता है,यदि इन भावों में विराजमान मंगल यदि स्वक्षेत्री हो,उच्च राशि में स्थिति हो,अथवा मित्र क्षेत्री हो,तो दोषकारक नही होता है।
  • यदि जन्म कुन्डली के प्रथम भाव में मंगल मेष राशि का हो,द्वादस भाव में धनु राशि का हो,चौथे भाव में वृश्चिक का हो,सप्तम भाव में मीन राशि का हो,और आठवें भाव में कुम्भ राशि का हो,तो मंगली दोष नही होता है।
  • यदि जन्म कुन्डली के सप्तम लगन, चौथे, नौवे, और बारहवें भाव में शनि विराजमान हो तो मंगली दोष नही होता है।
  • यदि जन्म कुन्डली में मंगल गुरु अथवा चन्द्रमा के साथ हो,अथवा चन्द्रमा केन्द्र में विराजमान हो,तो मंगली दोष नही होता है।
  • वर अथवा कन्या की कुन्डली में मंगल शनि या अन्य कोई पाप ग्रह एक जैसी स्थिति में विराजमान हो तो भी मंगली दोष नही लगता है।
  • यदि वर कन्या दोनो की जन्म कुन्डली के समान भावों में मंगल अथवा वैसे ही कोई अन्य पापग्रह बैठे हों तो मंगली दोष नही लगता,ऐसा विवाह शुभप्रद दीर्घायु देने वाला और पुत्र पौत्र आदि को प्रदान करने वाला माना जाता है।
  • शुभ ग्रहों से युक्त मंगल अशुभ नही माना जाता है,कर्क लगन में मंगल कभी दोष कारक नही होता है,यदि मंगल अपनी नीच राशि कर्क का अथवा शत्रु राशि तीसरे या छठवें भाव में विराजमान हो तो भी दोष कारक नही होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q. मांगलिक दोष क्या होता है?

A. मांगलिक दोष एक ज्योतिषीय ग्रहण योग है, जिसमें मंगल ग्रह किसी कुंडली में किसी निश्चित स्थान पर स्थित होता है। इसे कुछ लोग कुंडली में दोष के रूप में मानते हैं जो किसी के विवाह जीवन को प्रभावित कर सकता है।

Q. मांगलिक दोष कैसे पता चलता है?

A. ज्योतिषीय पंचांगों या कुंडली मिलान के माध्यम से मांगलिक दोष की जांच की जा सकती है। मांगलिक दोष का पता लगाने के लिए जन्म की तिथि, समय और स्थान की जानकारी आवश्यक होती है।

Q. मांगलिक दोष के क्या प्रभाव होते हैं?

A. कुछ लोग मानते हैं कि मांगलिक दोष विवाह जीवन में विवाद, संघर्ष और स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। यह किसी के विवाह जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

Q. मांगलिक दोष का समाधान क्या है?

A. कुछ लोग मांगलिक दोष को शांति करने के लिए मांगलिक दोष निवारण की परंपरागत विधियों का अनुसरण करते हैं, जैसे कि मंगल की दशा या मंगल की शांति के लिए कुछ विशेष पूजा-पाठ और दान-धर्म।

Q. क्या मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्ति को क्या ध्यान रखना चाहिए?

A. मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्ति को अपने विवाह जीवन को संभालने के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए, विशेषकर कुंडली मिलान के माध्यम से संबंधों की पुष्टि करनी चाहिए।

Q. मांगलिक दोष का दोहन कैसे होता है?

A. कुछ लोग मानते हैं कि मांगलिक दोष के लोगों के लिए मांगलिक दोष निवारण के लिए मांगलिक विवाह की आवश्यकता होती है, जिसमें दोनों पक्षों में मांगलिक दोष होता है।

Q. क्या सभी मांगलिक दोष उपाय सफल होते हैं?

A. नहीं, मांगलिक दोष के उपाय सभी के लिए सफल नहीं होते हैं। इसमें व्यक्ति की कुंडली के अनुसार प्रयास किया जाता है और कई बार यह प्रभावशील होता है।

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