रात को झाड़ू न लगाना: अंधविश्वास या धार्मिक मान्यता?

jhaadu lagana
June 20, 2024

आपने अक्सर अपने घर के बड़ों से कहते सुना होगा कि शाम के वक्त झाड़ू मत लगाओ या शाम के वक्त तुलसी का पौधा मत छुओ पर क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों या इसके पीछे क्या कारण हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इसके पीछे कई नकारात्मक कारण छिपे हैं, जिनके बारे में पता होना जरूरी है। भारतीय समाज में कई परंपराएँ और मान्यताएँ हैं जो सदियों से चली आ रही हैं। इनमें से एक प्रमुख मान्यता है कि रात को झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। इस विषय पर विभिन्न दृष्टिकोण हैं, जिनमें धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय पहलू शामिल हैं। इस लेख में हम इन्हीं पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। रात को झाड़ू न लगाने की मान्यता भारतीय समाज में गहरी जड़ें जमाए हुए है। यह धार्मिक, सांस्कृतिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक सभी दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है। हालांकि, समय के साथ इन मान्यताओं में बदलाव आ रहा है और लोग इन परंपराओं को आधुनिक दृष्टिकोण से देखने लगे हैं। फिर भी, यह मान्यता आज भी कई घरों में प्रचलित है और इसका पालन किया जाता है।

वास्तु शास्त्र में रात में घर में झाड़ू लगाने के बारे में कुछ मान्यताएं हैं। कुछ लोग मानते हैं कि रात में झाड़ू लगाना अशुभ होता है, क्योंकि यह भूत-प्रेत और अन्य नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर सकता है। इसके विपरीत, कुछ लोग मानते हैं कि रात में घर को साफ़ करना शुभ होता है, क्योंकि यह घर में प्राणी की स्थिति बेहतर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। अगर आप वास्तु शास्त्र का पालन करना चाहते हैं, तो आप डिवाइन टॉक के एस्ट्रोलॉजर से सलाह लें सकते हैं।

रात को झाड़ू न लगाना अंधविश्वास या धार्मिक मान्यता (2)

रात को झाड़ू लगाना: धार्मिक मान्यता।

भारतीय धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में रात को झाड़ू न लगाने की सलाह दी गई है। ऐसा माना जाता है कि झाड़ू लक्ष्मी का प्रतीक होती है और इसे रात में लगाने से लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। पुराणों के अनुसार, दिनभर की मेहनत से प्राप्त धन और समृद्धि रात में झाड़ू लगाने से नष्ट हो जाती है। इसीलिए कहा जाता है कि रात में झाड़ू लगाने से घर में दरिद्रता आती है।

सांस्कृतिक और सामाजिक पहलू।

सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखें तो प्राचीन समय में बिजली की सुविधा नहीं थी और रात में रोशनी की कमी होती थी। इसलिए रात में झाड़ू लगाने से कीमती सामान या धन आदि गलती से फेंका जा सकता था। इस कारण लोगों ने रात में झाड़ू न लगाने की प्रथा शुरू की ताकि संपत्ति की हानि न हो।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण।

ज्योतिष में भी रात को झाड़ू लगाने को अशुभ माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रात का समय राहु और केतु के प्रभाव का समय होता है। यह समय तामसिक शक्तियों का होता है और रात में झाड़ू लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। ऐसा कहा जाता है कि इस समय झाड़ू लगाने से घर की सकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।

शाम के वक्त झाडू क्यों नहीं लगानी चाहिए।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह समय नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और अच्छी ऊर्जा को हानि पहुंचा सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, शाम के समय में झाड़ू लगाने से वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का विकास हो सकता है, जो घर के सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है। शाम के समय झाडू लगाना उचित नहीं माना जाता है क्योंकि इस समय प्राकृतिक आलोकित ऊर्जा की कमी होती है, जिससे काम करने की क्षमता कम हो सकती है। यह आपके स्वास्थ्य को भी अस्थिर कर सकता है और ध्यान को भटका सकता है।

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अगर सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाना पड़े तो क्या करें?

मान लीजिए अगर आप बहुत दिनों के बाद घर में शाम के समय आ रहे हैं और आपके पीछे से घर बंद था। जिसकी वजह से पूरा घर में धूल-मिट्टी से पसरा हुआ है या आपके घर में कोई कार्यक्रम था, जिसके चलते आपके लिये घर में झाडू मारना आवश्यक हो गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार एक बात का ख्याल जरूर रखें। सूर्यास्त के बाद आप जब भी झाडू लगाएं तो उस कूड़े या मिट्टी को घर के बाहर न फेंके, कहीं एक जगह पर कूड़ेदान में ही रख दें और सुबह होने पर बाहर फेंक दें। माना जाता है कि शाम के समय मिट्टी घर के बाहर फेंकने से लक्ष्मी घर से बाहर चली जाती है और अलक्ष्मी घर में प्रवेश कर जाती है।</p>

वास्तु शास्त्र के अनुसार झाडू कब बदलना चाइए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, झाड़ू को नियमित अंतरालों पर बदलना चाहिए, ताकि नकारात्मक ऊर्जा का संचार कम हो और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहे। आमतौर पर, झाड़ू को प्रति माह या कम से कम प्रति तीन महीने में एक बार बदलना चाहिए। इसके अलावा, झाड़ू को यदि किसी नकारात्मक घटना या संघर्ष के बाद बदलना भी उचित माना जाता है। अधिकतम प्रभाव के लिए, झाड़ू को सूर्योदय के समय बदलना उत्तम होता है, क्योंकि यह समय सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है। इसके अलावा, झाड़ू को अद्यतन करने से पहले, उसके प्रयोग में किए जाने वाले स्थान को धोना और शुद्ध करना भी उचित होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न। (FAQs)

Q. रात को झाड़ू क्यों नहीं लगाना चाहिए?

A. रात को झाड़ू न लगाने का मुख्य कारण हो सकता है आस्था और धार्मिक मान्यताओं का पालन। धार्मिक मान्यताओं में कई लोगों के अनुसार रात्रि में काम करना शुभ नहीं माना जाता।

Q. रात्रि में क्या अंधविश्वास हो सकते हैं?

A. कुछ लोगों के अनुसार, रात्रि में काम करने से भूत-प्रेत और अन्य नकारात्मक ऊर्जाएं आ सकती हैं। ऐसी मान्यताओं का पालन करने की वजह से वे रात को झाड़ू नहीं लगाते हैं।

Q. रात को क्या अन्य काम नहीं करना चाहिए?

A. कुछ लोगों के अनुसार, रात को नहाना, बाल काटना, खाना बनाना आदि भी नहीं करना चाहिए। ये सभी काम रात्रि में किए जाने पर शुभ नहीं माने जाते हैं।

Q. रात्रि में काम करने का वैज्ञानिक क्या कहना है?

A. वैज्ञानिक दृष्टि से, रात्रि में काम करने से कोई अंधविश्वास नहीं है। हालांकि, विशेष धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करना उनकी आस्था के अनुसार होता है।

Q. यह क्या है, अंधविश्वास या धार्मिक मान्यता?

A. रात्रि में काम करने की इस मान्यता को कुछ लोग अंधविश्वास मानते हैं, जबकि दूसरे इसे अपनी धार्मिक आस्था का पालन मानते हैं।

Q. क्या धार्मिक मान्यताओं में रात्रि में काम करने की कोई वैज्ञानिक आधार है?

A. धार्मिक मान्यताओं में रात्रि में काम करने की वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन यह धार्मिक आस्था का हिस्सा हो सकता है।

Q. क्या रात्रि में काम करना आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है?

A. रात्रि में काम करने से आर्थिक नुकसान होने की कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन धार्मिक आस्था के अनुसार कुछ लोग इसे विश्वास करते हैं।

Q. क्या रात्रि में काम करने का वास्तविक परिणाम क्या हो सकता है?

A. रात्रि में काम करने का वास्तविक परिणाम यह हो सकता है कि व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, क्योंकि उसका नींद का समय और आराम पर असर पड़ सकता है।

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