शिव पुराण घर में रखने के विधि-विधान

June 1, 2024

ग्रंथों और पुराणों को घर में रखना व्यक्ति की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रुचि पर निर्भर करता है। यदि आपको पढ़ने और अध्ययन करने में आनंद और प्रभाव मिलता है, तो आप इन्हें अपने घर में रख सकते हैं। यह आपको आध्यात्मिक विकास में मदद कर सकते हैं और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। बहुत से व्यक्ति अपने घरों में भगवत गीता, रामायण आदि रखते हैं तथा उनका पाठ भी करते हैं। यदि आप अपने घर में कोई भी ग्रंथ रखते हैं तो आप रोजाना उसकी पूजा करे या फिर रोजाना उसका पाठ करें। यदि आप शिव पुराण घर में रखना चाहते हैं तो आप रोजाना शिव पुराण का पाठ करें या उसकी पूजा करे।

शिव पुराण एक प्रमुख हिंदू धर्म ग्रंथ है जो भगवान शिव की महिमा, गुण और उनके लीलाओं के बारे में बताता है। इसमें शिव के महत्वपूर्ण अवतार, तांत्रिक साधनाएं, उनके विविध व्रत और पूजा विधियां वर्णित हैं। यह ग्रंथ भक्तों को शिव के प्रति भक्ति और आध्यात्मिक विकास की प्रेरणा देता है। शिव पुराण के पाठ करने और सुनने से शिव भक्ति और शिव ज्ञान में वृद्धि होती है। इसे पढ़कर और समझकर हम शिव की महिमा को अनुभव कर सकते हैं और अपने जीवन में उनके गुणों को अपना सकते हैं।

शिव पुराण घर में रखने के नियम

शिव पुराण 18 पुराणों में से एक है, जिसमें भगवान शिव की लीलाओं और कथाओं का वर्णन मिलता है। 

 

  • यदि आप शिव पुराण घर में रखते हैं तो शिव पुराण को सफेद वस्त्र में लपेटकर रखें।

 

  • शिव पुराण को मंदिर में रखें या जो स्थान स्वच्छ और शुद्ध हो वहा रखें।

 

  • यदि आप शिव पुराण घर में रखते हैं तो आपको नियमित रूप से शिव जी की पूजा करनी होगी और उसके बाद शिव पुराण का पाठ करना होगा।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q. घर पर शिव पुराण कैसे पढ़ सकते हैं?

A. शिव पुराण की कथा पढ़ने या सुनने से पहले शिवजी का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद पूरे भक्ति-भाव से पाठ करें, तभी इसका पूर्ण लाभ मिलता है। जो व्यक्ति पाठ का संकल्प लेता है, उसे केवल एक समय सात्विक भोजन करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

Q. शिव पुराण का पाठ करने से क्या होता है?

A. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव पुराण का पाठ करने से व्यक्ति और उसके समस्त परिवार पर शिव जी का आशीर्वाद बना रहता है। 

Q. शिव पुराण में कितने अध्याय होते हैं?

A. शिव पुराण में कुल छह अध्याय हैं, जोकि इस प्रकार है- विद्येश्वर,रुद्र, शत्रुद्र, कोटिरुद्र, उमा और कैलाश संहिता हैं। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि शिव पुराण में कुल सात अध्याय हैं। जिसमें वायु संहिता को अतिरिक्त अध्याय बताया गया है।

Q. शिव पुराण किसने लिखी थी?

A. महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखित शिव पुराण का पवित्र पौराणिक ग्रंथों में सर्वोच्च स्थान है।

Q. शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव की पूजा कैसे करें?

A. शिवलिंग पर मिट्टी के बर्तन में पवित्र जल भरकर ऊपर से बिल्वपत्र, आक व धतूरे के पुष्प, चंदन, चावल आदि के साथ चढायें। यदि नजदीक कोई शिवालय न हो तो शुद्ध गीली मिट्टी से ही शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा भी की जा सकती है। महाशिवरात्रि पर व्रत के साथ रात्रि जागरण करना चाहिये व शिवपुराण का पाठ सुनना चाहिये।

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