2038 तक शनि की साढ़े साती: दुःखों की समाप्ति या नए प्रारंभ की संभावना?
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ज्योतिष में शनि ग्रह का विशेष महत्व है। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि देव को न्याय और कर्म फल दाता माना गया है। यह जातकों को उनके द्वारा किए गए अच्छे कर्म के आधार पर अच्छा फल और बुरे कर्म के आधार पर बुरा परिणाम देते हैं। शनि एक राशि से दूसरी राशि में स्थान परिवर्तन करने के लिए लगभग ढाई वर्षो का समय लगाते हैं। जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है इसका प्रभाव दुनिया के साथ हर एक जातक के जीवन पर पड़ता है। शनि के साडे साती बहुत ही कष्टकारी मानी जाती है। जब भी किसी राशि पर साडे साती लगती है, तो उसके जीवन में तरह-तरह के कष्ट आते हैं। शनि देव के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशियों पर साडे साती और ढैया शुरू हो जाती है। वहीं कुछ पर चल रही साढ़े साती और ढैया खत्म हो जाती है। शनि एक से दूसरी राशि में करीब ढाई वर्षो में गोचर करते हैं।
आपकों बता दें की शनि 2024 को मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश कर गए थे। ऐसे में मीन राशि पर शनि की साडे साती शुरू हो गई थी जबकि धनु राशि से साडे साती खत्म हो गई थी। इस तरह से मकर कुंभ और मीन राशि पर अभी शनि की साडेसाती चल रही है। कुंभ राशि पर साडे साती का दूसरा चरण है, जबकि मकर राशि पर अंतिम चरण है और मीन राशि पर इसका पहला चरण चल रहा है। वही कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैया जारी है।
आज हम आपको यह बताने वाले हैं कि आने वाले 10 सालों में किन-किन राशियों पर शनि की साडे साती और ढैया रहेगी। आप भी यदि अपनी राशि या कुंडली की जानकारी चाहते हैं या कोई उपाय जानना चाहते हैं तो आप डिवाइन टॉक से जुड़ सकते हैं।
ज्योतिष में शनि ग्रह का क्या महत्व है?
वैदिक ज्योतिष में शनि को एक महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। शनि को आयु, पीड़ा, रोग, विज्ञान, तकनीक, लोहा, कर्मचारी, सेवक और तेज आदि का कारक माना गया है। शनि मकर एवं कुंभ राशि के स्वामी ग्रह है और वह कुंभ राशि में उच्च और मेष राशि में नीचे के होते हैं। शनि एक राशि में ढाई वर्ष तक रहते हैं। जिसे शनि की ढैया के नाम से जाना जाता है। नौ ग्रहों में शनि सबसे धीमी चाल चलते हैं। शनि की दशा साढ़े साल तक रहती है, जिसे शनि की साडे साती कहते हैं।
अगले 10 साल तक इन राशियों पर रहने वाली है शनि की साडे साती।
अभी शनि कुंभ राशि में बैठे हैं और अगले साल शनि 2025 में मीन राशि में गोचर करेंगे साल 2025 में मेष राशि के अंदर शनि की साडे साती के पहले चरण की शुरुआत होगी। इस समय मीन राशि पर दूसरा और कुंभ राशि पर आखिरी चरण रहेगा। कुंभ राशि के ऊपर शनि की साढ़े साती 3 जून 2027 तक रहने वाली है। जैसे ही 2025 में सनी का गोचर होगा। वैसे ही मेष राशि में शनि की साडे साती शुरू हो जाएगी और यह साल 2032 तक रहने वाली है। साल 2027 में वृषभ राशि में शनि की साडे साती का पहला चरण आरंभ होगा। मिथुन राशि वालों पर 8 अगस्त 2019 से शनि की साडे साती की शुरुआत होगी। यह अगस्त 2036 में जाकर समाप्त होगी। कर्क राशि पर 2032 से शनि की साडे साती का प्रभाव शुरू होगा। जो की 22 अक्टूबर 2038 तक रहने वाला है। इस प्रकार 2025 से लेकर 2038 तक कुंभ, मीन, वृषभ और कर्क राशि के लोगों पर शनि की दृष्टि रहने वाली है।
आईए जानते हैं किन राशियों से हटेगी शनि की नजर।
2025 में शनि जहां पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। तब मकर राशि से शनि की साडे साती खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि पर चल रही शनि की ढैया भी समाप्त होगी।
शनि की साडे साती को कम करने के लिए कुछ ज्योतिष उपाय।
अगर आपकी साढ़े साती चल रही है, तो आप कुछ सरल उपाय की मदद से शनि के प्रभावों को कम कर सकते हैं। शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें, रोज हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी लाभ होगा। उसके अलावा आप अपने दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में लोहे का छल्ला धारण कर सकते हैं। यह छल्ला घोड़े की नाल से बना होना चाहिए। शनिवार के दिन तांबा और तिल का तेल शनि देव पर चढ़ाए। काली चीटियों को शहद और चीनी खिलाने से भी शनि देव शांत होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q. शनि की साढ़े साती क्या होती है?
शनि की साढ़े साती एक ज्योतिषीय अवधि है जो लगभग सात वर्ष तक चलती है। इस अवधि में शनि जिस राशि में होता है, वहाँ कुंडली के उसी क्षेत्र को प्रभावित करता है। शनि की साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को चुनौतियों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें स्वास्थ्य, परिवार, पेशेवर जीवन, और वित्तीय मामले शामिल हो सकते हैं। यह समय व्यक्ति को संघर्ष का मौका भी देता है और उसे अपने आत्म समझ, सामर्थ्य, और संघर्ष की क्षमता में वृद्धि करने का अवसर प्रदान करता है।
Q. शनि की ढैया क्या होती है?
“शनि की ढैया” एक ज्योतिषीय अवधि है जो शनि ग्रह के एक गोचर को संदर्भित करती है। यह अवधि लगभग तीन साल तक चलती है जब शनि ग्रह किसी राशि को प्रभावित करता है। इसके दौरान व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और उसे सावधानी से काम करना चाहिए। शनि की ढैया के दौरान लोगों को धैर्य, स्थिरता, और परिश्रम की आवश्यकता होती है। यह अवधि व्यक्ति को जीवन की गहराईयों को समझने और उन्हें सही दिशा में ले जाने का मौका देती है।
Q. क्या शनि की ढैया और साढ़े साती के दौरान विवाह और प्रेम संबंधों की समस्याएँ हो सकती हैं?
हां, इस दौरान प्रेम संबंधों में कुछ चुनौतियाँ हो सकती हैं, लेकिन सही समर्थन और समय पर कार्यवाही से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
Q. क्या शनि की साढ़े साती के दौरान स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं?
हां, यह दौरान व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उचित देखभाल और उपाय से इन समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
Q. कौन कौन सी राशि पर साढ़ेसाती चल रही?
इस समय कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या एवं मकर, कुंभ, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। 2024 में शनि चाल नहीं बदलेंगे, जिस वजह से इन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती एवं ढैय्या का प्रभाव बना रहेगा। शनि ढाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं।
Q. मनुष्य के जीवन में साढ़ेसाती कितनी बार आती है?
शनि की साढ़ेसाती यानी साढ़े सात साल तक पूरी तरह शनि का असर आमतौर पर एक पूर्ण आयु वाले इंसान के जीवन में साढ़ेसाती का दौर तीन बार आता है। वहीं, ज्यादातर लोग इससे दो बार ही गुजरते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शनि बहुत धीमी गति से चलते हैं, तो उन्हें एक राशि से निकलकर अगली में जाने तक ढाई साल लग जाते हैं।