जानिए लिव इन रिलेशनशिप टूटने के पीछे के कारण
आजकल लिव इन रिलेशनशिप में रहना समाज में काफी प्रचलित हो रहा है। लिव इन का मतल्व हैं की दो व्यक्तिय जो की एक दूसरे से प्रेम करते हैं वे शादी से पहले एक ही घर में साथ रहते हैं। हमारे समाज मै कई लोगों की नजरमें यह सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर गलत समझा जाता है। अपने प्रेमी (पार्टनर) के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करने के लिए कई कपल्स लिव इन रिलेशनशिप में रहना पसंद करते हैं। लिव इन रिलेशनशिप में रहना यह एक वेस्टर्न कल्चर है।यह विदेशों में काफी प्रचलित हैं। कई कपल्स इसलिए भी शादी से पहले एक साथ रहते है, ताकि यह देख सकें कि दोनों शादी करने जितना अनुकूल हैं या नहीं।
लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स लंबे समय तक साथ रहते हैं और जब हम साथ रहते हैं तो यह एक आम बात है की हमारे बीच किसी ना किसी कभी ना कभी कोई बात पर असहमत जरूर होंगे मतलव की कोई बात को लेकर लड़ाई हो जाती हैं। कभी कभी यह झगड़े इतने बड़ जाते हैं की बात आपके रिश्ते टूटने तक आ जाती हैं। कुंडली में कौन से योग लिव इन रिलेशनशिप को तोड़ते हैं।
आइए जानते हैं की आपका रिश्ता टूटने के पीछे क्या ज्योतिष्य कारण हों सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली में कुछ ग्रहों के ऐसे योग बनते हैं की जिनसे व्यक्ति के विचार अपने पार्टनर को लेकर बदल जाते हैं। लिव इन रिलेशनशिप क्यों टूटते हैं ज्योतिष के अनुसार।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब पंचम भाव में अशुभ ग्रहों का प्रवेश होता हैं तो यह लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल के रिश्ते पर प्रभाव डालता है। कुंडली में कौन से ग्रह लिव इन रिलेशनशिप को प्रभावित करते हैं। जिससे उनका रिश्ता टूटने की नोवत आ जाती हैं। लिव इन रिलेशनशिप में ग्रहों का प्रभाव
- कुंडली के पंचम भाव के अशुभ होने के कारण जोड़ो के बीच में मारपीट, लड़ाई झगड़े, मनमुटाव, मानसिक तनाव बन जाता है और दोनो का रिश्ता टूटने लगता हैं।
- अगर आपकी कुंडली में राहु, केतु और चंद्रमा की युति बनती है तो आपकी लव लाइफ मे परेशानी आने लगती है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रिस्तो का टूटना मुख्य रूप से तीन ग्रहों के कारण होता है– सूर्य, मंगल और शनि।
- सूर्य, मंगल, और शनि मे से यदी कोई भी ग्रह कुंडली के पंचम या सप्तम (लिव इन रिलेशनशिप में सप्तम भाव का प्रभाव) में भाव में मे अपनी ही राशि मे हो तो भी रिश्ते टूट जाते हैं। लिव इन रिलेशनशिप में पंचम भाव का प्रभाव।
- शनि के प्रभाव से व्यक्ति के व्यवहार में गुस्सा या उसका व्यवहार अपने पार्टनर के लिए खराब हो जाता है। इनके इसी व्यवहार के कारण इनका ब्रेकअप हो जाता है।लिव इन रिलेशनशिप में शनि का प्रभाव।
- मंगल के प्रभाव से व्यक्ति मनमानी करने करने लगता है। लिव इन रिलेशनशिप में मंगल का प्रभाव।
- लिव इन रिलेशनशिप में राहु का प्रभाव। शुक्र और राहु, शुक्र और मंगल, शुक्र और शनि यह किसी रिश्ते के लिए हानिकरक हो सकते हैं। लिव इन रिलेशनशिप में शुक्र का प्रभाव।
- लिव इन रिलेशनशिप में केतु का प्रभाव। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र प्रेम का ग्रह है और पंचम भाव का प्रतिनिधित्व करता है परन्तु शनि, राहु और केतु इनमें समस्या उत्पन्न करते हैं।लिव इन रिलेशनशिप में राहु का प्रभाव।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q. कुंडली में किस भाव के होने से लिव इन रिलेशनशिप सफल नहीं होता है? लिव इन रिलेशनशिप में ग्रहों की दृष्टि?
A. कुंडली के पंचम भाव में यदि शुभ ग्रह प्रवेश कर जाते हैं तो उनके प्रभाव से लिव इन रिलेशनशिप सफल नहीं हो पाता है। लिव इन रिलेशनशिप में ग्रहों की युक्तियां
Q. क्या पंचम भाव का नाकारामक प्रभाव खत्म किया जा सकता है?
A. लिव इन रिलेशनशिप में रहने से पहले यदि आप अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिष से दिखाते है और उनकी सलाह लेते हैं तो उनका लिव इन रिलेशनशिप सफल हो सकता है।
Q. क्या ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लिव इन रिलेशनशिप में रहना सही हैं?
A. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी रिश्ते को शुरू करने से पहले उसको नाम देना आवश्यक होता है। अगर आप किसी से प्रेम मे है तो बेहतर होगा आप दोनों विधी के साथ विवाह करे।
Q. कुंडली में लिव इन रिलेशनशिप का योग कैसे बनता है। लिव इन रिलेशनशिप में ग्रहों की दिशा?
A. पंचम या सप्तम भाव में जब कोई 2 पाप ग्रह प्रवेश करते हैं, तब लिव इन रिलेशनशिप का योग बनता है और यह कभी विवाह में नहीं बदलता।