सूर्य और राहु का साथ होना: क्यों होती है परेशानी?

Sun Rahu effects
August 5, 2024

 

सूर्य और राहु का एक साथ होना वैदिक ज्योतिष में गहरी रहस्यमयता की बात की है। इस विशेष घटना को हिंदी में “सूर्य ग्रहण” कहा जाता है। सूर्य ग्रहण का अर्थ होता है कि चंद्रमा (राहु) सूर्य के साथ एक संयोग स्थिति में आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश आदि कुछ समय के लिए लुप्त हो जाता है। वैदिक ज्योतिष में, सूर्य और राहु को दो अलग-अलग ग्रह माना जाता है, और इन दोनों का एक साथ होने पर उपयुक्त दशा नहीं होती है। सूर्य को सत्ता, प्राण और जीवन का प्रतीक माना जाता है, जबकि राहु को भ्रमण, अनिश्चितता और छिपा हुआ खजाना का प्रतीक माना जाता है। इन दोनों के ग्रहों के मिलन से होने वाले प्रभाव को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

 

सूर्य ग्रहण के समय लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह समय अस्थिरता और अव्यवस्था का संकेत देता है। व्यक्ति की आत्मा में उदासी, चिंता, और आंशिकता का अनुभव होता है। व्यापारिक और व्यक्तिगत जीवन में भी कई परेशानियाँ आ सकती हैं। एसी स्थिति में आप यदि सूर्य ग्रहण के समय होने वाले उपायों के बारे में जानना चाहते हैं या आपकी राशी पर सूर्य और राहू के साथ होने से आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा आदि जानना चाहते हैं तो आप डिवाइन टॉक के एस्ट्रोलॉजर में संपर्क कर सकते हैं।

 

सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को ध्यान और संतुलन की आवश्यकता होती है। वह अपने कार्यों को संज्ञान में रखते हुए संतुलित रहने का प्रयास कर सकता है। ध्यान और स्थिरता से वह समस्याओं का सामना कर सकता है और उन्हें हल कर सकता है। सूर्य राहु का एक साथ होना प्राकृतिक घटना है, जिसका महत्व वैदिक ज्योतिष में माना जाता है। यह घटना व्यक्ति को उत्तेजित करती है, लेकिन संतुलन और ध्यान से वह इस समय को सफलतापूर्वक पार कर सकता है।

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सूर्य और राहू का साथ होना: व्यक्ती की कुंडली को कैसे प्रभावित करता है?

 

सूर्य और राहू का साथ होना व्यक्ति की कुंडली पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डाल सकता है। यह प्रभाव व्यक्ति की जन्मकुंडली में स्थिति और उनके ग्रहों के संयोग पर निर्भर करता है। नीचे दिए गए कुछ मुख्य प्रभावों को समझा जा सकता है:

 

सत्ता और प्रतिष्ठा का प्रभाव: सूर्य को सत्ता और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है, जबकि राहू को भ्रमण और अनिश्चितता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य और राहू का संयोग होता है, तो उन्हें अधिक सत्ता और प्रतिष्ठा की प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है।

 

करियर में प्रभाव: सूर्य अक्सर करियर और पेशेवर उत्थान का प्रतीक है, जबकि राहू अनियमितता और छिपा हुआ खजाना का प्रतीक है। इसलिए, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य और राहू का संयोग होता है, तो उनका करियर में स्थिति अनियमित हो सकती है।

 

मानसिक स्थिति पर प्रभाव: सूर्य को मानसिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है, जबकि राहू अनिश्चितता का प्रतीक है। इसलिए, सूर्य और राहू के संयोग से व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है, और वह अधिक उत्साही या निराश हो सकता है।

 

वित्तीय स्थिति: इस संयोग के दौरान व्यक्ति को वित्तीय मामलों में अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है। धन की प्राप्ति और धन का संरक्षण में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

 

स्वास्थ्य: सूर्य और राहू का संयोग व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकता है। व्यक्ति को तनाव, चिंता, और उदासी का अनुभव हो सकता है।

 

सम्बंध: इस संयोग के दौरान व्यक्ति के सम्बंधों में अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव आ सकता है। साथी के साथ संबंधों में गहराई, विश्वास और समझौते की जरूरत हो सकती है।

 

यदि सूर्य और राहू का योग किसी व्यक्ति की कुंडली में हो, तो इसका प्रभाव उसकी राशि और उसके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर निर्भर करता है।12 राशियों पर सूर्य और राहू के योग का प्रभाव:

 

मेष: इस योग का प्रभाव आपकी व्यक्तित्व में असंतुलन लाने का हो सकता है और आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 

वृषभ: इस योग का प्रभाव आपके आर्थिक स्थिति पर हो सकता है, आपको धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 

मिथुन: इस योग का प्रभाव आपके बातचीती कौशल पर हो सकता है, आपको असंतुष्टि का सामना करना पड़ सकता है।

 

कर्क: इस योग का प्रभाव आपके परिवारिक और आर्थिक जीवन पर हो सकता है, आपको परिवार में असमंजस का सामना करना पड़ सकता है।

 

सिंह: इस योग का प्रभाव आपके स्वास्थ्य और करियर पर हो सकता है, आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 

कन्या: संबंधित मामलों पर हो सकता है, आपको काम संबंधी तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

 

तुला: इस योग का प्रभाव आपके सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर हो सकता है, आपको संबंधों में अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।

 

वृश्चिक: इस योग का प्रभाव आपके वित्तीय स्थिति पर हो सकता है, आपको धन संबंधी मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है।

 

धनु: इस योग का प्रभाव आपके विदेश यात्रा और शिक्षा पर हो सकता है, आपको अध्ययन या यात्रा संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

 

मकर: इस योग का प्रभाव आपके करियर और पेशेवर जीवन पर हो सकता है, आपको करियर संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 

कुंभ: इस योग का प्रभाव आपके मित्रों और समाज में स्थिति पर हो सकता है, आपको संबंधों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

 

मीन: इस योग का प्रभाव आपके आत्मिक और आध्यात्मिक स्थिति पर हो सकता है, आपको आत्म संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

Q. सूर्य राहु का एक साथ होना क्यों बनता है परेशानी का संकेत?

A. सूर्य राहु का एक साथ होना, ग्रहों के अद्भुत गतिविधियों का एक चमत्कारिक प्रकार है, जिसमें सूर्य, चंद्रमा और राहु का ग्रहण होता है। इसे हिंदी ज्योतिष शास्त्र में एक प्रमुख ग्रहण के रूप में देखा जाता है और यह आमतौर पर लोगों के जीवन में अटकलें और परेशानियाँ उत्पन्न कर सकता है।

 

Q. सूर्य राहु का ग्रहण कब होता है?

A. सूर्य राहु का ग्रहण विशेष तारीखों पर होता है, जो ग्रहणीय महीनों में आते हैं। यह संयोजन उन अवसरों पर होता है जब सूर्य, चंद्रमा और राहु का एक सीधा पंचमी या एक सीधा अमावस्या पर आता है।

 

Q. सूर्य राहु का ग्रहण कितनी देर तक चलता है?

A. सूर्य राहु का ग्रहण कुछ घंटों तक चल सकता है, आमतौर पर लगभग तीन से पांच घंटे का समय होता है।

 

Q. सूर्य राहु के ग्रहण के दौरान कौन-कौन से कार्य करने चाहिए और कौन-कौन से नहीं?

A. सूर्य राहु के ग्रहण के दौरान लोगों को यज्ञ, पूजा, मंत्र जाप, ध्यान, योग आदि कार्यों में लगने चाहिए। वे उन्हें संतुलित और शांतिपूर्ण रखें और नकारात्मक ऊर्जा से बचें। बाहरी भूखंडों में काम करने से बचें और शांति और ध्यान का साधन करें।

 

Q. सूर्य राहु के ग्रहण के दौरान कौन-कौन से कार्य करना चाहिए और कौन-कौन से नहीं?

A. सूर्य और राहु के ग्रहण के दौरान लोगों को नयी काम शुरू नहीं करना चाहिए, शादी, वाहन खरीदना, अनुष्ठान, कोई नया प्रोजेक्ट आदि।

 

Q. सूर्य राहु के ग्रहण के दौरान क्या ध्यान रखना चाहिए?

A. सूर्य राहु के ग्रहण के दौरान ध्यान रखने चाहिए कि कार्यों को धीरे-धीरे करें, शांति और संतुलन का आनंद लें, अपने विचारों को प्रशांत रखें और मन को शुद्धि का अनुभव करें।

 

Q. सूर्य राहु के ग्रहण के बाद क्या करें?

A. सूर्य राहु के ग्रहण के बाद लोगों को प्रार्थना करनी चाहिए, ध्यान करना चाहिए और शांति और संतुलन का आनंद लेना चाहिए।

 

Q. क्या सूर्य राहु के ग्रहण का कोई वैज्ञानिक प्रमाण है?

A. नहीं, सूर्य राहु के ग्रहण का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। यह एक पौराणिक मान्यता और ज्योतिषीय दृष्टि का विषय है। वैज्ञानिक समुदाय इसे वैज्ञानिक रूप से स्वीकार नहीं करता है।

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